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Mada Gufa Singrauli - माडा गुफाएं, mara ki gufa - माड़ा का गुफा सिंगरौली
माडा गुफाएं
मध्य प्रदेश की गुफाओं में माडा की गुफा सिंगरौली काफी महत्वपूर्ण है सिंगरौली की माडा गुफाएं बहुत ही प्राचीन और पत्थर से काटकर बनाई हुई गुफाएं हैं माडा सिंगरौली में केवल एक गुफा ही नहीं बल्कि यहां पर रॉक कट से बनी हुई कई गुफाओं का समूह है
जो 7वीं और 8वीं शताब्दी की मानी जाती हैं यहां पर प्रसिद्ध गुफाओं में कुछ प्रमुख गुफाएं हैं जो समूह के रूप में स्थित हैं जिनमें से प्रसिद्ध गुफाओं में विवाह माडा, गणेश माडा और शंकर माडा, जलजलिया और रावण माडा शामिल हैं।
mada gufa |
सिंगरौली का इतिहास - माड़ा की गुफाएं
मध्यप्रदेश में सिंगरौली एक बार प्राकृतिक संसाधनों जिलों में से एक है, सिंगरौली में पर्याप्त खनिज संसाधन और प्राकृतिक सौंदर्य है यह प्राचीन समय में रीवा रियासत का एक भाग था और इसकी स्थापना का इतिहास भी उसी समय से मिलता है
श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि के नाम से जाने जाने वाली सिंगरौली आज प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश की ऊर्जा धानी के नाम से प्रसिद्ध है जहां भारत की सभ्यता के पालने में बनी हुई एक नगरी है जिसका सबूत यहां की वास्तु कला या प्राचीन प्राप्त हुए सबूतों से देखा जा सकता है
यहां पर जिले के चारों ओर ऐतिहासिक धरोहर मिलते हैं सिंगरौली में सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल में मारा की गुफा है सिंगरौली जिले के वैढ़न शहर से 32 किलोमीटर दूर माडा की गुफाएं है, वर्तमान समय में माडा को भी एक तहसील का दर्जा दिया गया है
mara ki gufaye kaha hai - माड़ा का गुफाएं कहॉ हैं
राज्य : मध्य प्रदेश
संभाग : रीवा
जिला : सिंगरौली
स्थानीय नाम : माडा (माड़ा)
तहसील का नाम : बैढ़न (माड़ा नवनिर्मित)
भाषा : हिंदी और बघेली, अंग्रेजी
नजदीकी हवाइ अड्डा : लाल बहादुर हवाई अड्डा वाराणसी
नजदीकी रेलवे स्टेशन : बरगवां और सिंगरौली
नजदीकी बस स्टेण्ड : बैढ़न
Waidhan to Mada Distance - बैढ़न से माड़ा की दूरी
मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से तहसील बैढ़न से माड़ा की दूरी 32 किलोमीटर है जिसके लिये आप टैक्सी या बस से सफर कर सकते हैे
Singrauli to Mada Distance - सिंगरौली से माड़ा की दूरी
प्रदेश के सिंगरौली से माड़ा की दूरी 55 किलोमीटर है जिसे आप शहर की बस यात्रा से तय कर सकते हैं
माड़ा कैसे जायें
कैसे पहुंचा जाये: हवाई जहाज से निकटतम हवाई अड्डा लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा, वाराणसी है, जो वाराणसी (U.P) से बैढ़न (M.P.) तक की टैक्सी या बस से सफर किया जा सकता है, बैढ़न से टैक्सी या बस Mada के लिए सवार हो सकते है। ट्रेन से नजदीकी रेलवे स्टेशन बरगवां और सिंगरौली है।
जलजलिया माडा गुफाएं
जल जलिया माडा की गुफाएं मारा की गुफाओं में सबसे प्राचीन गुफा है जिसमें दो गुफाएं में जिनमें से एक मंदिर गुफा है और दूसरा अंडर ग्राउंड यानी भूमिगत गुफा है जो एक पूल के समान में है
मंदिर में भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित है और देवी की मूर्ति साथ में स्थापित है
जलजलिया माडा की सबसे दिलचस्प कहानी यह है कि यहां पर एक नाग के फन से हमेशा 24 घंटे पानी गिरता रहता है यह पानी नीचे बने शिवलिंग पर गिरता है और इस पानी के स्रोत को अभी तक कोई पता नहीं लगा पाया है इस पानी का स्रोत अज्ञात है
जल जलिया माड़ा |
इस गुफा से करीब 200 मीटर की दूरी पर एक छोटे से मंदिर में देवी सीता को स्थापित किया गया है जिसे सीता की कुटिया के नाम से भी जाना जाता है यह बहुत छोटा सा झरना है जो की इच्छा पूरी करने वाला जलप्रपात के रूप में भी जाना जाता है इसलिए खाने लोगों में यह काफी लोकप्रिय है
विवाह माडा की गुफाएं
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माडा की गुफाएं की श्रृंखला में एक विवाह माडा गुफाएं भी है यह 1 लंबी तीन गुफाओं का समूह है या इसे एक लंबी गुफा जो तीन भागों में बटी हुई कह सकते हैं इसे वर्तमान में इको पर्यटन क्षेत्र माडा का नाम दिया गया है
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि इस गुफा के उत्तर भाग में भगवान राम और सीता की शादी हुई थी इसलिए इसे विवाह माडा के नाम से जाना जाता है
इसमें एक ऐसी गुफा की है जिसके बीच में एक शिवलिंग के साथ चारों ओर पिलर और बड़ा बरामदा बनाया गया है यह तीन मंजिला संरचना वाली गुफा थी लेकिन वर्तमान में कुछ टूट फूट के कारण अब दो मंजिल की गुफा बची हुई है लेकिन एक ऊपरी निर्माण मंजिल गुफा के सबूत अभी भी दिखाई देते हैं
शंकर माडा - गणेश माडा गुफाएं
इन दोनों गुफाओं को शंकर और गणेश की गुफाएं कहते हैं, गणेश माडा का सामना उत्तर की तरफ है जबकि शंकर माडा का सामना दक्षिण की तरफ है
गणेश माडा तीन कमरों के बीच जो कमरे पत्थर के बने हुए हैं और एक ऊंचे मंच पर शिवलिंग साथ में के शामिल होते हैं इस गुफा का सबसे आकर्षक बात यह है कि इस गुफा के द्वार पर भी एक गुफा है और यहां पर गणेश भगवान की प्रतिमा छत के सिर पर स्थित है
Shankar mada singrauli |
शंकर माडा गुफाएं और गणेश माडा गुफाएं एक दूसरी तरफ पहाड़ के बाहर खुदाई की हुई पत्थरों से बनी हुई हैं और यहां पर नटराज के अवतार में भगवान शिव की नृत्य करते हुए एक मूर्ति भी है जो दीवाल में चित्रित है
रावण माडा गुफाएं
यह माडा गुफाएं का सामना उत्तर पूर्व की तरफ है और यह भी एक आकर्षण का केंद्र है इसमें भी पत्थरों को काटकर गुफा बनाया गया है यह सबसे सुंदर स्थापत्य कला का उदाहरण माना जाता है यहां पर भी लोगों को बचाने में काफी आनंद की अनुभूति होती है और इसे हंसती हुई गुफा भी कहते हैं
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि यह गुफा विरोधी रावण की गुफा है और इसमें रावण के नाम को महिला रावण के साथ बुलाया जाता है
हनुमान माडा
माडा की गुफाएं में एक महत्वपूर्ण गुफा हनुमान जी की भी है यह गुफा पहाड़ी पर स्थित है और इस गुफा के द्वार पर घुसने के साथ इसके छत की तरफ निकला जा सकता है और ऊपर की तरफ जैसे ही जाएंगे वहां पर पत्थर को काटकर भगवान को चित्रित किया गया है
यहां पर हनुमान जी को पत्थरों काटकर चित्रित किया गया है
और यह काफी ऊंचाई पर स्थित है यहां की सभी गुफाएं अलग-अलग जगहों पर थोड़ी दूरी पर स्थित है
इको पर्यटन क्षेत्र माडा
इको पर्यटन क्षेत्र माडा को भी विवाह माडा के नाम से जाना जाता है जैसा कि मैंने ऊपर विवाह माडा के पैराग्राफ में बताया है
यहां पर नवीनतम ढंग से पर्यटन क्षेत्र को सजाया गया है और अनेक प्रकार की रोमांचक गतिविधियां करने के लिए उपकरण उपलब्ध हैं
mada singrauli |
वर्तमान समय में जो लोग माडा की गुफाएं देखने जाते हैं वह सबसे अधिक समय इको पर्यटन क्षेत्र माडा में गुजारते हैं क्योंकि यहां पर पर्यटन विभाग द्वारा सुंदरता को बढ़ा दिया गया है और पर्यटकों के लिए सुविधाजनक भी बनाया गया है
mada singrauli |
यहां पर जंगल के बीच प्राकृतिक सुंदरता को ध्यान में रखते हुए अनेक प्रकार के नए स्टाइलिश डिजाइन में खेल और मनोरंजन की सुविधाएं प्रदान किया है
यहां पर देखने लायक रोमांचक हवा में झूला और टायर का झूला और विभिन्न प्रकार के झूले उपलब्ध हैं
jhula mada singrauli |
इसके साथ ही वहां पर तारों के ऊपर से चलना और काफी ऊंचाई से तारों के सहारे झूलना और झरनों के बीच बैठना और फोटो सेशन के लिए कई आकर्षक जगह बनाए गए हैं
माडा की गुफाओं को देखने के लिए बेहतर समय
अगर आप माडा की गुफाओं को देखने के लिए जाना चाहते हैं तो आपके लिए सबसे अच्छा समय यात्रा के रूप में ठंडी के समय जा सकते हैं, गर्मियों में मध्य भारत बहुत गर्म हो सकता है तो अगर आप जाएं तो अक्टूबर से मार्च महीने के बीच में जा सकते हैं
लेकिन स्थानीय परंपराओं की मानें तो यहां पर जाने के लिए और आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा समय दीपावली का होता है क्योंकि यहां पर दीपावली में मेले भी आयोजित किए जाते हैं
eco prayatan kshetr mada |
वर्तमान समय में नवीनतम त्योहारों में देखा जाए तो लोग दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से लोगों या पर्यटकों की भीड़ जुटने लगती है और यह मकर संक्रांति के बाद 26 जनवरी यानी स्वतंत्रता दिवस तक ज्यादा भीड़ रहती है
यहां पर लोग अपने परिवार के साथ पिकनिक मनाने जाते हैं और कई संगठनों महाविद्यालयों के विद्यार्थी भी पिकनिक पर जाते हैं
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