आज बिहार सरकार की राजनीति में भारी उथल-पुथल देखने को मिला जिसमें चल रही वर्तमान सरकार को गिरकर फिर से विपक्ष की तरफ मिलकर अगली बार मुख्यमंत्री की शपथ ले रहे हैं
तेजस्वी यादव के साथ मिलकर जब नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तब उन्होंने कई बातें भाजपा के विपक्ष में बोली थी लेकिन अब सारी बातों को भूलकर नीतीश कुमार एक बार फिर भाजपा की तरफ आकर बिहार के इतिहास में 9वीं बार मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं
इसमें नीतीश कुमार को बिहार की राजनीति पर करारा व्यंग्य करते हुए लोगों ने कहा कि यह बिहार की राजनीति के नाम पर कलंक है और यह रंग बदलने में गिरगिट को भी पीछे छोड़ दे रहे हैं
हालांकि कई लोग इसके पीछे मनीष कश्यप के भविष्यवाणी का भी सच बता रहे हैं क्योंकि मनीष कश्यप पहले भी बोले थे कि अगर मैं जेल जाऊंगा तो जेल से लौट के बाद आपकी सरकार गिरा दूंगा और मनीष अभी हाल ही में पिछले महीने जेल से वापस लौटे हैं
मनीष कश्यप के जेल से लौट के बाद काफी उथल-पुथल दिख रहा था लेकिन इतना बड़ा उथल-पुथल हो गया किसी के मन में ऐसी सोच नहीं थी कि नीतीश कुमार फिर से पलट कर विपक्ष का साथ थाम लेंगे
आपको बताते चलें कि नीतीश कुमार ने 17 महीने पहले तेजस्वी यादव के साथ मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन अब वह 17 महीने पुरानी गठबंधन को तोड़कर एक बार फिर एनडीए के साथ मिलकर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले रहे हैं जिसमें जेपी नड्डा भी शामिल हो रहे हैं
आपको यह भी जानकारी होनी चाहिए कि तेजस्वी यादव की तरफ अभी भी 79 विधायक हैं लेकिन नीतीश कुमार के तरफ सिर्फ 45 विधायक हैं और भाजपा के तरफ से 74 विधायक हैं और अन्य विधायक भी हैं
नीतीश कुमार के पक्ष के विधायकों की बहुमत तीसरे स्थान पर है लेकिन वह किसी के साथ मिलते हैं तो वह बहुमत हासिल करने के लिए 123 विधायकों की जरूरत होती है तो वह जिस पार्टी के साथ जाते हैं चाहे वह तेजस्वी यादव की हो या भाजपा की हो इस का बहुमत बन जाता है
बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार के इस प्रकार के बदलाव को आप अपने नजर में किस प्रकार से देखना चाहते हैं कमेंट में जरूर बताएं