सोशल मीडिया पर आज पूर्व मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ला और सोनू सूद की बात हो रही है। श्री शुक्ला ने सोनू सूद से मदद मांगी है। लोग बहस कर रहे हैं कि शुक्ला जी ने सही किया या गलत।
सोनू सूद से मदद मांगनी चाहिए थी या नहीं। दरअसल इसके पीछे का खेल कुछ और है। राजेंद्र शुक्ला जी ने सोनू सूद के बहाने सीएम शिवराज सिंह चौहान के गाल पर तमाचा मारा है।
पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने शिवराज सिंह के दावों की पोल खोल कर रख दी
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान लगातार लॉक डाउन में फंसे मजदूरों की मदद का पहाड़ा सुनाते हैं। वह आंकड़ों के साथ बता रहे हैं कि देश के कोने कोने में फंसे मध्य प्रदेश के कितने प्रवासी मजदूरों को सफलतापूर्वक उनके घर पहुंचाया गया है। ऐसी स्थिति में पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला का ना केवल सोशल मीडिया के जरिए सोनू सूद से मदद मांगना बल्कि उसके साथ लिस्ट भी अपलोड कर देना यह साबित करता है कि शिवराज सिंह सरकार मुंबई में फंसे हुए मध्यप्रदेश के प्रवासी मजदूरों को वापस लाने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है।
क्या था पूरा मामला
पूर्व भाजपा मंत्री राजेंद्र शुक्ला ने ट्विटर पर एक ट्वीट करके सोनू सूद से मुंबई में फंसे रीवा के मजदूरों को घर वापस लाने के लिए ट्वीट किया की सोनू सूद आप रीवा के मजदूरों को भी मुंबई से घर वापस छोड़ दीजिए
इतने में लोग री ट्वीट के जरिए उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिए लोगों का कहना है कि
राज्य में आप की सरकार
और केंद्र में आप की सरकार
फिर भी क्यों आप इतने लाचार
आप चाहें तो सभी मजदूरों को वापस बुला सकते हैं लेकिन इस पर राजनीति करने के अलावा कुछ नहीं रहा
कुछ लोगों का मानना है कि राजेंद्र शुक्ला ने ट्वीट के जरिए पूरी लिस्ट अपलोड कर दी थी कि जो मजदूर मुंबई में फंसे हैं उनकी पूरी लिस्ट भी ट्विटर पर अपलोड करके ट्वीट किया था ऐसा हुआ इसलिए किए थे की शिवराज सिंह मजदूरों को लाने का पहाड़ा तो रोज बताते हैं लेकिन वास्तव में मजदूरों को लाने का काम नहीं करते
बाद में यह पोस्ट लिखने तक उनका ट्विटर पर कावर ट्वीट उनके द्वारा डिलीट कर दिया गया है क्योंकि उस ट्वीट का सोशल मीडिया न्यूज़ चैनल में काफी चर्चा हो रही थी
मजदूरों की मदद या राजनीति
यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि भाजपा नेता, पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री राजेंद्र शुक्ला का टारगेट क्या है। क्या वह सचमुच मुंबई में फंसे रीवा/सतना के मजदूरों की मदद करना चाहते हैं। यदि ऐसा होता तो वह महाराष्ट्र सरकार को चिट्ठी लिखते या फिर सोनू सूद से फोन पर बात कर लेते। यदि शिवराज सिंह सरकार के प्रयास असफल हो रहे हैं तो इसकी जानकारी पार्टी हाईकमान को दी जा सकती थी परंतु जिस तरह से राजेंद्र शुक्ला ने शिवराज सिंह चौहान पर खुला हमला किया है, इसे बगावत का संकेत भी माना जा सकता है