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पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हुई है जहां डॉक्टर्स की टीम को निशाना बनाया गया
इंदौर की तस्वीरें आप जान रहे होंगे जहॉ डॉक्टरों पर पथराव हुआ क्योंकि वह जॉच के लिए गए थे कि लोंगों ने पत्थर मारना शुरू कर दिये
बीते कुछ दिनों में बेंगलुरु में ऐसा हुआ हैदराबाद में ऐसा हुआ जहां मेडिकल कर्मियों के साथ झड़प की घटनाएं हो गई और सबसे बड़ी बात गाजियाबाद में जहां तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को कोरेंन्टाईन करके रखा गया वहां सीएमओ साहब कुछ ऐसी हरकत देखें कि कुछ लोग शरारती कर रहे हैं नर्स के साथ बदतमीजी की जा रही है
एनएसए (NSA) लगाएंगे
सरकारे कहती एनएसए (NSA) लगा देंगे
लेकिन एनएसए (NSA) का मतलब क्या होता है एनएसए (NSA)
क्या आपको मालूमहै कि एनएसए (NSA)लग जाए तो एक आदमी के साथ क्या-क्या परिस्थितियां हो सकती हैं
क्या आप इस बात को जानते हैं कि एनएसए (NSA) 23 सितंबर 1980 को देश में लागू किया गया है
यानी कि देश राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980
हम आपको बता देते देश की सुरक्षा के लिए खतरा है तो उसे 12 महीने तक
ध्यान दीजिएगा 12 महीने तक यानी कि 1 साल तक
बिना किसी चार्ज आरेस्ट किया जा सकता है इस एक्ट के तहत उस व्यक्ति पर आरोप तय किए बगैर ही उसे 10 दिन तक स्थिति में रखा जा सकता है
हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड के सामने अपील तो कर सकें लेकिन उसे कोई वकील नहीं मिलता
कोई कानूनी सहायता उसे नहीं मिलती है उसे अपने बचाव के लिए
एनएसए (NSA) लागू, जिलाधिकारी पुलिस आयुक्त और राज्य सरकारें अपने-अपने सीमित दायरे में कर सकते हैं
उसकी परिभाषा तो आपने जान ली
यह भी जान लीजिए कि यह बाकी कानूनों से अलग कैसे
इस आपराधिक मामले में जो फसता है अपना बचाव करने की जाती जाती है उसको डेपन करने से खुद को रोका नहीं जा सकता
सीआरपीसी के सेक्शन 15भी कहता है कि गिरफ्तार किए गए आदमी का यह जानना हक है क्यों उसे किस गुनाह के लिए गिरफ्तार किया गया और वह साथ ही बेल का अधिकारी लेकिन होता है
लेकिन
उस व्यक्ति को ऐसा कोई अधिकार नहीं मिलता अपना बकीलनहीं कर सकता नहीं कर सकता और साथही सरकार उससे वह हर जानकारी छुपा सकती है जो सरकार को लगता है कि यह जनहित के यानी कि पब्लिक इंटरेस्ट है इसके तहत डिटेन किए गए व्यक्ति को कोई कानूनी सहायता नहीं मिलती यहां तक कि एनसीआरबी डेटा मेंटेन करता है ऐसे से जुड़ा कोई डाटा नहीं होता क्योंकि के तहत तो आप समझ लीजिए एनएससी के तहत गिरफ्तार हो जाना ऐसे किसी के ऊपर लग जाना कितने कठिन परिस्थिति में आदमी फंस सकता है
इसके बारे में आपको बताना इसके प्रावधानों से आपको जानकार कराना इसलिए जरूरी था कि अगर आपकी जानकारी में कोई ऐसा आदमी है जो लॉक के दौरान बजाए कोरोनावायरस बढ़ाने में कोई ऐसी हरकत कर रहा है कहीं इंवॉल्व हो जा रहा है कुछ ऐसा दुष्प्रचार करना जो देश के खिलाफ हो सकता है तो आप फौरन उन्हें सावधान करें उन्हें सतर्क करें
एनएसए (NSA) क्या होता है?
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एनएसए (NSA), एनएसए (NSA) क्या होता है?, एनएसए (NSA) का मतलब क्या होता है, रासुका क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 |
एनएसए से सम्बंधित जानकारी (Information About NSA)
पिछले कुछ दिनों में एक के बाद एक ऐसी घटनाएं हुई है जहां डॉक्टर्स की टीम को निशाना बनाया गया
इंदौर की तस्वीरें आप जान रहे होंगे जहॉ डॉक्टरों पर पथराव हुआ क्योंकि वह जॉच के लिए गए थे कि लोंगों ने पत्थर मारना शुरू कर दिये
बीते कुछ दिनों में बेंगलुरु में ऐसा हुआ हैदराबाद में ऐसा हुआ जहां मेडिकल कर्मियों के साथ झड़प की घटनाएं हो गई और सबसे बड़ी बात गाजियाबाद में जहां तबलीगी जमात से जुड़े लोगों को कोरेंन्टाईन करके रखा गया वहां सीएमओ साहब कुछ ऐसी हरकत देखें कि कुछ लोग शरारती कर रहे हैं नर्स के साथ बदतमीजी की जा रही है
एनएसए (NSA) लगाएंगे
सरकारे कहती एनएसए (NSA) लगा देंगे
लेकिन एनएसए (NSA) का मतलब क्या होता है एनएसए (NSA)
क्या आपको मालूमहै कि एनएसए (NSA)लग जाए तो एक आदमी के साथ क्या-क्या परिस्थितियां हो सकती हैं
क्या आप इस बात को जानते हैं कि एनएसए (NSA) 23 सितंबर 1980 को देश में लागू किया गया है
यानी कि देश राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980
- रासुका में बाकी कानून से अलग क्या है
- रासुका के प्रावधान ऐसे क्या है
- जो उसे देश के अन्य कानूनों से अलग बना देते हैं
या फिर बना देते वह भी
हम आपको बता देते देश की सुरक्षा के लिए खतरा है तो उसे 12 महीने तक
ध्यान दीजिएगा 12 महीने तक यानी कि 1 साल तक
बिना किसी चार्ज आरेस्ट किया जा सकता है इस एक्ट के तहत उस व्यक्ति पर आरोप तय किए बगैर ही उसे 10 दिन तक स्थिति में रखा जा सकता है
हाईकोर्ट के एडवाइजरी बोर्ड के सामने अपील तो कर सकें लेकिन उसे कोई वकील नहीं मिलता
कोई कानूनी सहायता उसे नहीं मिलती है उसे अपने बचाव के लिए
एनएसए (NSA) लागू, जिलाधिकारी पुलिस आयुक्त और राज्य सरकारें अपने-अपने सीमित दायरे में कर सकते हैं
उसकी परिभाषा तो आपने जान ली
यह भी जान लीजिए कि यह बाकी कानूनों से अलग कैसे
इस आपराधिक मामले में जो फसता है अपना बचाव करने की जाती जाती है उसको डेपन करने से खुद को रोका नहीं जा सकता
सीआरपीसी के सेक्शन 15भी कहता है कि गिरफ्तार किए गए आदमी का यह जानना हक है क्यों उसे किस गुनाह के लिए गिरफ्तार किया गया और वह साथ ही बेल का अधिकारी लेकिन होता है
लेकिन
उस व्यक्ति को ऐसा कोई अधिकार नहीं मिलता अपना बकीलनहीं कर सकता नहीं कर सकता और साथही सरकार उससे वह हर जानकारी छुपा सकती है जो सरकार को लगता है कि यह जनहित के यानी कि पब्लिक इंटरेस्ट है इसके तहत डिटेन किए गए व्यक्ति को कोई कानूनी सहायता नहीं मिलती यहां तक कि एनसीआरबी डेटा मेंटेन करता है ऐसे से जुड़ा कोई डाटा नहीं होता क्योंकि के तहत तो आप समझ लीजिए एनएससी के तहत गिरफ्तार हो जाना ऐसे किसी के ऊपर लग जाना कितने कठिन परिस्थिति में आदमी फंस सकता है
इसके बारे में आपको बताना इसके प्रावधानों से आपको जानकार कराना इसलिए जरूरी था कि अगर आपकी जानकारी में कोई ऐसा आदमी है जो लॉक के दौरान बजाए कोरोनावायरस बढ़ाने में कोई ऐसी हरकत कर रहा है कहीं इंवॉल्व हो जा रहा है कुछ ऐसा दुष्प्रचार करना जो देश के खिलाफ हो सकता है तो आप फौरन उन्हें सावधान करें उन्हें सतर्क करें
NSA के पद पर जिस व्यक्ति का चयन किया जाता है वह व्यक्ति अधिकतर भारतीय विदेश सेवा या भारतीय पुलिस सेवा से सम्बन्ध रखता हो | वहीं भारत में सर्व प्रथम राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में इस पद पर ब्रजेश मिश्रा को चुना गया था, लेकिन अब वर्तमान समय में NSA अजीत डोभाल को इस पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है | यदि आप भी एनएसए (NSA) के विषय में जानना चाहते हैं, तो यहाँ पर आपको एनएसए (NSA) क्या है, एनएसए (NSA) का फुल फॉर्म क्या है, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की विस्तृत जानकारी प्रदान की जा रही है |
रासुका धारा क्या है
- 1. रासुका धारा क्या है
- 1. एनएसए (NSA)
- 2. एनएसए (NSA) का फुल फॉर्म क्या है
- 3. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्य
- 4. एनएसए की सैलरी
- 5. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अब तक की सूंची
NSA को हम रासुका ( राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) भी कहते हैं, इसमें प्रदर्शनकारियों द्वारा किये गये अपराध तथा साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर इस क़ानून की धारा का प्रयोग प्रशासन द्वारा किया जाता है | रासुका का मतलब राष्ट्रीय सुरक्षा कानून या अधिनियम (National security Act NSA) होता है | अगर इसके अन्तरगत सजा की बात करें तो आप भी जान ले कि इसमें हिरासत में लिए व्यक्ति को अधिकमत एक साल जेल में रखा जा सकता है | रासुका ( राष्ट्रीय सुरक्षा कानून ) के अंतर्गत अगर सरकार को ये लगता कि कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों को करने से रोक रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने की शक्ति प्रशासन को दे सकती है।
एनएसए (NSA)
जिस व्यक्ति को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में चुना जाता है वह व्यक्ति भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) का वरिष्ठ अधिकारी बन जाता है | NSA का पद प्राप्त करने वाला व्यक्ति राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नीति पर भारत के प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यरत होता है | वर्तमान में अजीत डोभाल ने एनएसए का पद प्राप्त कर लिया हैं | वह अपने दूसरे कार्यकाल की जिम्मेदारी बहुत ही निष्ठा के साथ निभा रहे हैं और उन्हें सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद की भी जिम्मेदारी सौंप दी गई |
अजीत डोभाल से पहले, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर अब तक 4 व्यक्तियों को नियुक्ति दी जा चुकी थी, जिसमे श्री ब्रजेश मिश्रा; भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी नवंबर 1998 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा नियुक्त भारत के पहला राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार घोषित किये गए थे, जो 22 मई 2004 तक अपने पद पर कार्यरत रहे थे |
NSA का फुल फॉर्म ” नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (National Security Agency ) होता है। जिसे हिंदी भाषा में “राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार” कहा जाता है। यह पद बहुत ही सम्मान जनक पद होता है, जिसमे व्यक्ति को सम्मान के साथ-साथ अच्छी सैलरी भी प्रदान की जाती है |और देश की सेवा करने का अच्छा अवसर भी प्राप्त करता है, और अपनी नीतियों के बल पर देश का गौरव बढाता है|
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के कार्य
1. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) ही होता है, जो भारत के प्रधानमंत्री को भारत के लिए बाहरी और आंतरिक सुरक्षा खतरों से संबंधित सभी मामलों पर सलाह देने का काम करता है |
2. अपने कार्य की जिम्मेदारी निभाते हुए सभी खुफिया रिपोर्ट जानकारी लेता है और उन्हें प्रधानमंत्री के सामने पेश करने का काम करता है | इसके साथ ही इस पद को प्राप्त करने वाला व्यक्ति भारत के प्रधानमंत्री की तरफ से रणनीतिक और संवेदनशील मुद्दों पर आयोजित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में भी शामिल होता है |
3. के पद पर कार्य करने वाला व्यक्ति चीन, पाकिस्तान और इजरायल के साथ सुरक्षा मामलों पर प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में भी कार्य करता है | इसके अलावा वह एनएसए, आधिकारिक विदेशी और राजकीय यात्राओं पर प्रधानमंत्री के साथ जाता है |
4. किसी देश पर आक्रमण करने या बाहरी खतरों से बचाने में मुख्य सलाहकार होता है, उसी के रणनीति के अनुसार कदम भी उठाये जाते है |
एनएसए की सैलरी
इस पद को प्राप्त करने वाले व्यक्ति को प्रति माह 1,62,500 रुपये सैलरी प्रदान की जाती है लेकिन इस पद को प्राप्त को करने वाले व्यक्ति को बहुत अधिक मेहनत करनी होती हैं, जिसके बाद ही वह व्यक्ति इस पद को प्राप्त करने में सफल हो पाता है | वेतन के अलावा अन्य सरकारी सुविधाएँ भी प्रदान की जाती है |